Sachin Tendulkar Kundli इन योगो ने बनाया सबसे धनि और सफल क्रिकेटर
सचिन रमेश तेंदुलकर, (Sachin Tendulkar) क्रिकेटर
जन्म : 24 April 1973, समय : 12 : 54 pm, स्थान : मुंबई
Sachin Tendulkar Kundli का अभ्यास इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है, सचिन तेंदुलकर (Sachin Tendulkar) आज उन युवा खिलाड़ियों के लिए अपना आदर्श स्थापित कर चुके है, जो युवा खिलाडी क्रिकेट में अपनी किस्मत आजमाना चाहते है. सिर्फ सचिन को आदर्श मानकर अनेक युवा खिलाड़ियो ने क्रिकेट को अपना करियर बनाया. इसलिए इस महान खिलाडी को कई युवा खिलाडी या उनके चहेते अपना भगवान मानते है. इसलिए सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar Kundli का अभ्यास बहोतही महत्वपूर्ण हो जाता है.
व्यक्तित्व और स्वभाव :
सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar Kundli की कर्क लग्न की कुंडली है. छोटा कद और गोरा रंग, शर्मीला स्वभाव, यह कर्क लग्न की बड़ी विशेषताएं है. यही महत्वपूर्ण गुण सचिन तेंदुलकर का स्वभाव और व्यक्तित्व में झलकता है.
सचिन तेंदुलकर को यह एक ही ग्रह राजा सामान सुख दे रहा है
सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar Kundli में पंचमेश और दशमेश मंगल अपनी उच्च राशि मकर में सातवे भाव में विराजमान है. जब की मंगल दशम भाव का भी स्वामी है, यहाँ मंगल कर्क लग्न के लिए योग कारक बनकर, कुंडली में रूचक योग बना रहा है. तो यह एक ही ग्रह राजा सामान सुख देता है. यह सिर्फ कर्क लग्न की कुंडली में ही मुमकिन है.
यही नियम प्रभु श्रीराम की कुंडली में भी लागु हुआ था. तो एक समय बाद उन्हें भी राजा होने का सौभाग्य मिला. यहाँ दशमेश मंगल सप्तम में उच्च के होकर अपनी चौथी दृष्टी से दशम भाव को, तथा सातवीं दृष्टी से लग्न को देखते है. इसलिए यहाँ कर्क लग्न और मंगल अति महत्वपूर्ण हो जाता है. स्वयं मंगल में नेतृत्व की क्षमता है, और साथ में मंगल में स्पर्धा तथा ऊर्जा का एक नया स्त्रोत है. और यही गुण एक राजा के लिए महत्वपूर्ण हो जाते है.
इसलिए सचिन ने खेल को ही अपना करियर बना लिया
मंगल यहाँ पांचवे तथा दसवे भाव का करक ग्रह है, पांचवा भाव खेल, शिक्षा, संतान आदी का कारक है, तथा दसवा भाव व्यक्ति कर्म दर्शाता है. इसलिए सचिन देन्दुलकर का कर्म खेल से जुड़ा है. इन दोनों भावो का मालीक मंगल सप्तम भाव में उच्च के होकर विराजमान होने से सचिन का करियर खेल में और भी मजबूती से बन पाया..
इस योग के कारण सचिन तेंदुलकर बने महा धनवान
धनेश (सूर्य)और लाभेश (शुक्र) इन की दशम भाव यानि केंद्र में मेष राशि में युति हो रही है. यहाँ सूर्य उच्च के होकर दशम में विराजमान है, तथा दशमेश केंद्र में यानि सप्तम भाव में मकर राशि में उच्च के होकर विराजित है. यह योग जातक को अति और महा धनवान बनाता है.
इसलिए सचिन को रमाकांत अचरेकर जैसा अच्छा गुरु मिल पाया
गुरु या षष्टेश और नवमेश होकर मित्र ग्रह मंगल के साथ सप्तम भाव में विराजमान है, गुरु सभी प्रकार के शिक्षक कों दर्शाता है. नवमेश गुरु और दशमेश मंगल केंद्र में अपनी ही राशि में होने से यहाँ लक्ष्मी योग बना हुआ है. गुरु की पांचवी दृष्टी ग्यारवे भाव पर, तथा सातवीं दृष्टी लग्न पर और नौवीं दृष्टी पराक्रम भाव पर पड़ती है. इसलिए सचिन को रमाकांत अचरेकर जैसा अच्छा शिक्षक मिल पाया, जिसने सचिन के करियर को और भी ऊंचाई पर पहुँचाया.
इसलिए सचिन को खेल में किस्मत का भी साथ मिल पाया
गुरु नववा भाव तथा भाग्य का स्वामी होने के साथ साथ दशमेश मंगल के साथ मंगल की उच्च राशि में युति बना कर सप्तम (केंद्र) में विराजमान है. इस कारन सचिन को अपने करियर में खेल में किस्मत का भी साथ मिल पाया.
इस योग के कारण सचिन तेंदुलकर का हो गया प्रेम विवाह
सचिन तेंदुलकर Sachin Tendulkar का प्रेम विवाह डॉ. अंजलि से २४ मई १९९५ में हुआ. व्यक्ति का प्रेम विवाह होने के लिए पंचम भाव या पंचमेश का सबंध सप्तम भाव या सप्तमेश के साथ आना जरुरी होता है. यहाँ पंचमेश मंगल सप्तम भाव में उच्च के होकर मकर राशि में विराजित है. यह योग प्रेम विवाह के लिए काफी है.
Sachin Tendulkar Kundali Chart सप्तम भाव में मंगल के साथ गुरु भी विराजमान है, और गुरु षष्ट भाव का स्वामी है, षष्ट भाव, रोग तथा स्पर्धा को दर्शाता है. गुरु षष्टेश होने के कारन सचिन तेंदुलकर की पत्नी अंजलि एक डॉक्टर है. तथा गुरु षष्टेश होने के कारन स्पर्धा का भी कारक है. इसलिए डॉ. अंजलि सचिन को अपने करियर या खेल के प्रति स्पर्धा करने के लिए लड़ने के लिए वे निश्चित रूप से प्रोत्साहित करती होंगी.
इस कारण सचिन तेंदुलकर कई बार मानसिक दबाव से गुजरे होंगे
लग्नेश चंद्र षष्ट भाव में राहु के साथ विराजित होने से इन्हे जीवन में बहोत बार स्पर्धा करनी पड़ी है. राहु के साथ चन्द्रमा षष्ट भाव में होने के कारन सचिन तेंदुलकर जीवन में कई बार मानसिक दबाव से गुजरे होंगे. यह वो वक्त हो सकता है, जब उनके करियर पर सवाल उठने लगे थे, और उनका बल्ला कुछ वक्त तक खामोश रहता था.
इस योग के कारण सचिन तेंदुलकर राज्यसभा सांसद बन पाए
Sachin Tendulkar Kundli Chart दशमेश मंगल सप्तम में उच्च का होकर दशम भाव पर चौथी दृष्टी से देखता है, तथा दशम भाव में मेष का उच्च का सूर्य विराजमान है. जब सूर्य दशम भाव से सबंध बनाये तो व्यक्ति का सबंध, सरकार, सरकारी दप्तर, सरकारी कामकाज से आता है. २०१२ में सचिन तेंदुलकर को केंद्र सरकार ने राज्यसभा सदस्यके रूप में नियुक्त किया था. इसलिए यह योग भी सचिन तेंदुलकर को राजनीती से सरकार का हिस्सा बनाता है.
इस कारण सचिन तेंदुलकर होटल के व्यवसाय में हो गए सफल
चतुर्थेश और लाभेश शुक्र मंगल की मेष राशि में दसवे भाव में विराजित है, तथा सप्तम में बैठा मंगल उनपर चौथी दृष्टी से देख रहा है, चतुर्थेश शुक्र, होटल के लिए आतिथ्य (Hospitality) की जरूरत होती है, और मंगल अग्नि का कारक है, खाना बनाने में अग्नि महत्वपूर्ण होता है. इसलिए सचिन तेंदुलकर क्रिकेट के आलावा होटल जैसे व्यवसाय में भी वो सफल बने हुए है. साथ ही शुक्र लाभ भाव का स्वामी होकर दशम भाव में विराजित है, इसलिए उनकी ज्यादा तर आय भी होटल जैसे व्यवसाय से भी होती होंगी.
इसलिए सचिन तेंदुलकर को समाज में मान सम्मान मिला
चतुर्थेश शुक्र (जनता) सूर्य के साथ दशम भावे में, सप्तम और केंद्र में गुरु और दशमेश होने से उन्हें समाज में अति सन्मान और प्यार मिला. खेल जगत के इस महान खिलाड़ी को ज्योतिष गाइड की तरफ से अपने करियर के लिए बहोत बहोत शुभकामनायें.
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