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Shubh Muhurat 2025 | शुभ मुहूर्त 2025

हिन्दू पंचांग के नुसार पंचांग में कुछ शुभ मुहूर्त (shubh muhurat 2025), दिए गए है. अमृत सिद्धि योग, गरु पुष्यामृत योग रवि पुष्यामृत योग, और सर्वार्थ सिद्धि योग. इन शुभ मुहूर्तो में किया हुआ कार्य सिद्ध हुआ पाया जाता है. ज्योतिष गाइड में दिये पंचांग के अनुसार अगर आप शुभ मुहूर्त को जान जाते है. तो आपके नए कार्य करने के लिए आपको किसी ज्योतिष के पास जाने की कोई आवश्यकता नहीं होगी.

अमृत सिद्धि, गरु पुष्यामृत, रवि पुष्यामृत और सर्वार्थ सिद्धि यह शुभ योग तब बन जाते है. जब वारों का सबंध विशेष और शुभ नक्षत्रों से सबंध बनता है. स्वर्ण अलंकार खरीदना, नए वस्त्र खरीदना, वाहन खरीद दारी, चुनाव के लिए आवेदन पत्र भरना. नौकरी के लिए आवेदन करना. किसी कोर्ट में मुकदमा दायर करना. रत्न धारण करना ऐसे कई कामों के लिए इन शुभ मुहूर्तों, shubh muhurat का उपयोग किया जाता है. इन शुभ मुहूर्तों में ऊपर दिए हुए कार्य शुरू किये तो. यह कार्य निर्विघ्न रूप से पूर्ण हो जाते है.

शुभ मुहूर्त के लिए यहाँ क्लिक करे

विवाह मुहूर्त 2025गृह प्रवेश मुहूर्त 2025
प्रॉपर्टी खरीद मुहूर्त 2025वाहन खरीद मुहूर्त 2025
शुभ होरादो घटी मुहूर्त

सर्वार्थ सिद्धि योग

गृह प्रवेश के लिए, किसी यात्रा के लिए नया कार्य आरंभ करने के लिए, किसी कारणवश वैधृति, गुरु या शुक्र अस्त होने पर, अधिक मास आदि के कारण मुहूर्त मिलना संभव ना हो, तो सर्वार्थ सिद्धि योग का उपयोग किया जा सकता है.

अमृत सिद्धि योग

अमृतसिद्धि योग रवि को हस्त, सोम को मृगशिर, मंगल को अश्‍विनी, बुध को अनुराधा, गुरु को पुष्य नक्षत्र का सम्बन्ध होने पर रवि पुष्यामृत-गुरु पुष्यामृत नामक योग बन जाता है जो कि अत्यन्‍त शुभ माना गया है.

रवि पुष्यामृत योग

रविपुष्यामृत योग भी सबसे अधिक शुभ योगो में गणना होती है. स्वर्ण अलंकार, किसी भी खरीददारी करने के लिए, नए कार्य प्रारंभ करने के लिए रवि पुष्यामृत योग का उपयोग करना अत्यंत योग्य माना जाता है.

विशेष योग : त्रिपुष्कर योग – द्विपुष्कर योग

त्रिपुष्कर योग – द्विपुष्कर योग यह दोनों योग बहोत ही विशेष माने जाते है. इन योगोंके चलते किसी वस्तु की खरेदी करना, या किसी वस्तु बेचना इसका निर्णय बहोत ही सावधानी से करना चाहिए.

त्रिपुष्कर और द्विपुष्कर योग कार्य की वारंवार्ता बढ़ा देता है. सामान्य शब्दो में अगर कहा जाए, तो इन शुभ योगो में चलते कोई कार्य आरंभ किया जाए. तो यह कार्य व्यक्ति दो या तीन बार उसे बार बार करना पड़ता है.

इसलिए स्वर्ण खरेदी, वस्त्र खरेदी, वाहन या घर खरेदी इन मुहूर्तो में की जाए तो इन कार्योंकी पुनरावृत्ति हो जाती है. इसलिए दवाई खरेदी करना, किसी वस्तु को बेचना, बहुमूल्य चीजे बेचना इन कार्यों से बचना चाहिए.

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