Griha Pravesh Muhurat in 2024 | गृह प्रवेश मुहूर्त 2024
गृह प्रवेश (Griha Pravesh) के मुख्य तीन प्रकार
गृह प्रवेश मुहूर्त (Griha Pravesh Muhurat) एक जरुरी विधि है, गृह प्रवेश विधि से पहले किसी वास्तु में रहना उचित या शुभ नहीं माना जाता. इससे पहले वास्तु शांत करना भी जरुरी है. अगर वास्तु को शांत ना करे, तो यजमान उसी वास्तु के लिए भक्षक भी बन सकता है.
अपूर्व – पहली बार नए गृह में प्रवेश करना, इसे अपूर्व गृह प्रवेश (Griha Pravesh) कहा जाता है.
सपूर्व – प्रवास के लिए परिवार सहित लम्बे समय के लिए घर को खली छोड़कर पुनः गृह में प्रवेश करना, इसे सपूर्व गृह प्रवेश (Griha Pravesh) कहा जाता है.
द्वान्धव – परेशानी से घर छोड़ने के बाद, लम्बे समय के लिए दोबारा गृह प्रवेश करना, इसे द्वान्धव गृह प्रवेश (Griha Pravesh) कहा जाता है.
मुहूर्त चिंतामणि के अनुसार, नव ग्रहो में सभी धार्मिक क्रियाओंका कारक गुरु तथा वास्तु का सुखोंका कारक ग्रह शुक्र अगर सूर्य के समीप हो, या यह दोनों ग्रह अस्त हो, तब यह शुभ कार्य करना उचित नहीं माना जाता.
पंचांग शुद्धि के बाद ही गृह प्रवेश मुहूर्त को निकालना संभव है, पंचांग शुद्धि से, गृह प्रवेश के साथ साथ पूजा, हवन और वास्तु की शांति का भी मुहूर्त निकाला जा सकता ह.
गृह प्रवेश (Griha Pravesh) के सभी विधि को ध्यान में रखकर, गृह प्रवेश (Griha Pravesh) विधि के समय के लिए, कम से कम चार घंटो का विचार किया गया है.
गृह प्रवेश के लिए इन बातों का रखे खयाल
गृह प्रवेश (Griha Pravesh Muhurat) के लिए आषाढ़, श्रावण, भाद्रपद, आश्विन, पौष माह को शुभ नहीं माने जाते है. तो माघ, फाल्गुन, वैशाख, ज्येष्ठ माह को गृह प्रवेश के लिए शुभ माने जाते है. दिन में मंगलवार तथा विशेष परिस्थितियो में शनिवार और रविवार जैसे दिनों को भी वर्ज माना गया है.
सोमवार, बुधवार, गुरुवार, शुक्रवार को गृह प्रवेश (Griha Pravesh) के लिए शुभ माना गया है, लेकिन याद रहे की, शुभ मुहूर्त के लिए दिन ही काफी नहीं है. शुक्ल पक्ष 2, 3, 5, 7, 10, 11, 12, और 13 तिथियां गृह प्रवेश के लिए शुभ मानी जाती है. गृह प्रवेश (Griha Pravesh) के लिए अमावस, और पौर्णिमा को भी वर्जित माना गया है.
Share with your friends:
Astrology Tool
Related Post