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हनुमान मंत्र अर्थ और जाप विधि

हनुमान मंत्र अर्थ और जाप विधि जीवन के प्रत्येक परेशानी को समाप्त कर सकता है. इस पृथ्वी पर जिन महान व्यक्तियोंको अमर होने का वरदान मिला है. उन में से हनुमान जी एक है. हनुमान को अमर होने का वरदान प्राप्त है. माना जाता है, प्रभु हनुमान आज भी हमारे बिच जहा भी राम कथा होती है, वहा उपस्थित होते है.

हनुमानजी को सूक्ष्म शरीर धारण करने का वरदान है. अगर हनुमान जी को सही मंत्र से याद किया, तो हनुमान आपकी सहायता के लिए अवश्य आ सकते है. विस्तार से जानते है, हनुमान जी के मंत्रो के बारे में. इस लेख में हम जानेंगे, हनुमान जी के मंत्रों का अर्थ, महत्त्व और मंत्रोंका जपने का विधि. हनुमान जी के प्रमुख मंत्रों में पंचमुखी हनुमान, गुप्त हनुमान मंत्र, द्वादशाक्षर मंत्र आते है.

हनुमान कौन थे ?

वाल्मीकि ऋषि के द्वारा रचित रामायण में हनुमान जी का उल्लेख मिलता है. हनुमान जी का जन्म त्रेतायुग के अंतिम चरण में मंगलवार के दिन चैत्र पूर्णिमा तिथि को हुआ था. हनुमान जी का जन्म वानर रूप में हुआ था. उनके पिता राजा केसरी और माता अंजना थी. हनुमान जी बचपन से बेहद बुद्धिमान और बलवान थे. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार हनुमान जी भगवान महादेव के ग्यारवे रूद्र अवतार है. हनुमान जी का जन्म का उद्देश्य प्रभु श्री राम की सेवा करना था. हनुमान जी को बजरंगबली, मारुति, अंजनि सुत, पवनपुत्र, संकट मोचन, केसरी नंदन, महावीर, कपीश, शंकर सुवन आदि नाम से जाना जाता है.

हनुमान जी का रामायण में क्या योगदान था ?

हनुमान जी को बचपन से दैवी शक्तियोंका वरदान प्राप्त था. हनुमान जी को वायुदेव का वरदान मिलने से, हनुमान जी वायु की मदत से अपना सफर तय कर सकते थे. इसलिए उन्हें पवनपुत्र हनुमान भी कहा जाता है. रामायण में रावण को पराजित कर के माता सीता को फिर से अयोध्या लाने हनुमान जी का महत्वपूर्ण योगदान था.

मंत्र क्या है ? हिन्दू धर्म में मंत्र

वेदो में मंत्रों का बहोत महत्त्व है. मंत्रों का सही उच्चारण सही गिनती और सही समय पर किया तो जातक पर इसका सही परिणाम दिखाई देता है. मंत्रो से ईश्वरीय कृपा दृष्टी होती है. वेद शास्त्रों में मंत्र को ‘मन: तारयति इति मंत्र:’ यानि मन को तारने वाला ध्वनि कहा गया है. मंत्र के द्वारा उचित देवी देवताओं को प्रसन्न किया जा सकता है. मंत्र मुख्य रूप से तीन प्रकार के होते है. वैदिक, तांत्रिक और बीज मंत्र. इसके अलावा शाबर मंत्र, और अक्षर मंत्र भी होते है. प्रत्येक मंत्र के अनुसार मंत्र का जाप करने का विधि, जाप संख्या, तथा समय, स्थान भिन्न हो सकता है. भिन्न कार्यों के लिए भिन्न मंत्रो का प्रयोग किया जाता है.

हनुमान मंत्र अर्थ और जाप विधि (Hanuman Mantra) कलियुग में शीघ्रता से परिणाम होता हुआ दिखाई देता है. हनुमान मंत्र (Hanuman Mantra) मानसिक रूप से जातक और हनुमान को जोडते है. हनुमान मंत्र (Hanuman Mantra) से बहुत ही शीघ्र मन की इच्छा पूर्ति होते दिखाई देती है.

हनुमान मंत्र जाप करने से क्या लाभ होता है ?

हनुमान मंत्र अर्थ और जाप विधि (Hanuman Mantra) से जीवन में आने वाली बाधाएं, कठिनाइयाँ, आर्थिक, मानसिक परेशानी से छुटकारा मिलता है. साथ ही भुत – प्रेत बढ़ा, नजर दोष से बचने के हनुमान मंत्र का जाप किया जाता है. मानसिक रूप से परेशानी के समय, गलत और बुरे विचारोंसे बचने के लिए हनुमान मंत्र कारगर सिद्ध होता है. शनि साढ़े साती के प्रभाव से बचने के लिए, मांगलिक प्रभाव से बचने के लिए हनुमान मंत्र औषधि के तरह काम करता है.

हनुमान जी का स्तुति मंत्र

ॐ मनोजवं मारुततुल्य वेगम् जितेन्द्रियं बुद्धिमतां वरिष्ठं
वातात्मजं वानर युथमुख्यं श्री रामदूतं शरणं प्रपद्ये ||

मंत्र का अर्थ : इस मंत्र में हनुमान जी की स्तुति की गई है. इस मंत्र में कहा गया है, जो मन के गति से अधिक तेज है. जो वायु से भी अधिक बलशाली है. जिन्हो ने अपने सभी इंद्रियों पर विअज्य प्राप्त की हो. जो बुद्धि में सबसे आगे और वानरोंके प्रमुख तथा वायु के पुत्र है. मैं भगवान प्रभु श्री राम के उस भक्त के शरण में जाता हु.

हनुमान स्तुति मंत्र

अतुलित बल धामं हेम शैला भदेहम्द नुजवन कृशानुं ज्ञानिनामग्रगण्यम् |
सकल गुण निधानं वानराणामधीशम्र घुपति प्रिय भक्तं वातजातं नमामि ||

मंत्र का अर्थ : तुल बल के स्वामी, सोने के पर्वत समान कान्तियुक्त शरीरवाले, दैत्यरूपी वन को ध्वंस करनेवाले, ज्ञानियो मे सबसे बड़े, सर्वगुण संपन्न, वानरोंके प्रमुख स्वामी, श्री रघुनाथ के प्रिय भक्त पवन पुत्र श्री हनुमान को मई प्रणाम करता हु.

हनुमान द्वादशाक्षर मंत्र क्या है ?

‘हं हनुमते रुद्रात्मकायं हुं फट्’

द्वादशाक्षर मंत्र विधान : हनुमान द्वादशाक्षर मंत्र दैनिक पूजा के समय जाप करनेवाला मंत्र है. इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए सव्वा लाख मन्त्र के जाप करने का विधान है. इस जाप के साथ बारह हजार आहुतिया देने का विधान है. मनोकामना पूर्ति के लिए साथ ही हनुमान जी को प्रसन्न करने के लिए इस मंत्र का रोज तीन माला का जाप करना चाहिए.

भूत-प्रेत, आत्मा से मुक्ति के लिए हनुमान मंत्र

ॐ नमो हनुमते रुद्रावताराय पंचवदनाय दक्षिण मुखे
कराल बदनाय नारसिंहाय सकल भूत प्रेत दमनाय रामदूताय स्वाहा ||

मंत्र विधान : हनुमान जी इतने बलशाली है. की सिर्फ उनके नाम से ही भुत पिशाच डर जाते है. इसका मुख्य कारण यह है की हनुमान जी अमर है. तथा वो सूक्ष्म रूप में कही पर भी वास कर सकते है. पुराण में हनुमान भुत – पिशाच और बुरे आत्माओंको दंडित करने का वर्णन मिलता है. हनुमान चालीसा में तुलसी दास कहते है, भूत पिशाच निकट नहीं आवै, महावीर जब नाम सुनावै. इस मंत्र को सिद्ध करने के लिए एक हजार मंत्रोंका का जाप जरुरी है. सूर्य और चंद्र ग्रहण के समय इस मंत्र का विशेष प्रभाव होता है. ग्रहण के समय यह मंत्र एक ही बार सिद्ध हो जाता है. इस मंत्र से भुत बढ़ा और बुरी आत्मा से मुक्ति मिलती है.

भय निवारण हेतु हनुमान मंत्र

अंजनी गर्भ सम्भूताय कपीन्द्र सचिवोत्तम रामप्रिय नमस्तुभ्यं हनुमान रक्ष रक्ष सर्वदा ||

मंत्र विधान : अगर व्यक्ति पर बुरा साया है. जो व्यक्ति बुरे सपने देखता है, और डरता है, ऐसा व्यक्ति सोने से पहले हनुमान भय निवारण मंत्र ११ बार पढ़ने से भय से मुक्ति पा लेता है.

हनुमान मूल मंत्र

ॐ श्री हनुमते नम:||

मंत्र विधान : हनुमान मूल मंत्र प्रतिदिन एक बार माला जपने से हनुमान भक्त के आसपास २४ घंटो के लिए सुरक्षा कवच बनता है. यह मंत्र और जाप वैयक्तिक सुरक्षा हेतु किया जाता है.

हनुमान बीज मंत्र

|| ॐ ऐं भ्रीम हनुमते,
श्री राम दूताय नम: ||

हनुमान गायत्री मंत्र

ॐ आञ्जनेयाय विद्महे वायुपुत्राय धीमहि।
तन्नो हनुमत् प्रचोदयात्॥

मंत्र विधान : व्यक्ति में साहस की कमी होने पर, हनुमान गायत्री मंत्र तथा हनुमान बीज मंत्र का जाप किया जाता है. इस मंत्र का नियमित रूप से जाप करने पर, व्यक्ति साहसी तथा निडर और अद्भुत ऊर्जा का स्त्रोत बन जाता है.

आंजनेय मंत्र

ॐ श्री वज्रदेहाय रामभक्ताय वायुपुत्राय नमोsस्तुते ॥

मंत्र विधान : मंत्र को गुरुवार के दिन प्रतिदिन 11 बार करने से नौकरी, व्यवसाय में नए अवसर मिलते है. पदोन्नति, परीक्षा की तैयारी तथा बेरोज़गारोंके लिए रोजगार प्राप्त करने हेतु इस मंत्र का जाप लाभदायक होता है.

मनोकामना पूर्ति हेतु हनुमान मंत्र

महाबलाय वीराय चिरंजिवीन उद्दते,
हारिणे वज्र देहाय चोलंग्घितमहाव्यये ||

मंत्र विधान : किसी भी प्रकार की मनोकामना पूर्ण करने के लिए, यह मंत्र कारगर सिद्ध होता है. मनोकामना पूर्ति के लिए रोजाना पूजा के समय एक माला जपने से व्यक्ति मनोकामना पूर्ति तरफ बढ़ता है.

आर्थिक तंगी से निपटने के लिए हनुमान मंत्र

‘ॐ नमो हनुमते आवेशाय आवेशाय स्वाहा’

मंत्र विधान : आर्थिक परेशानी से निजात पाने के लिए हर रोज इस मंत्र की 1 माला जाप अवश्य करे. इस मंत्र के जाप से 45 दिनों के भीतर अच्छे परिणाम दिखाई देना शुरू होते है.

हनुमान मंत्र जाप विधि कैसे करे ?

हनुमान मंत्र अर्थ और जाप विधि कैसे करे ? , इसकी निम्नलिखित सूची दी गई है.

  1. प्रातः काल सूर्योदय से पहले उठकर स्नान करे
  2. अपनी दैनिक पूजा करे, इसके बाद आसन लगाकर हनुमान जी का ध्यान करे.
  3. चुने हुये मंत्र सबंधित योग्य रुद्राक्ष माला का चुनाव करे. माला का एक जाप 108 बार करे.
  4. रुद्राक्ष के साथ, रोजरी या तुलसी की माला के साथ भी हनुमान मंत्र का जाप कर सकते है.
  5. मांस या मदिरा का सेवन ना करे. सभी प्रकार के बुरे व्यसनों से दूर रहना योग्य होगा.
  6. मंत्र का जाप धीमे स्वर के साथ श्रद्धा भाव से करना आवश्यक है.

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