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रविवार 08 अक्टूबर, 2023 का पंचांग

भाद्रपद मास, शरद ऋतु, विक्रम संवत, नल 2080

8 Oct 2025
रविवार

कृष्ण पक्ष, कृष्ण नवमी

सूर्योदय
sunrise
6:17:17
सूर्यास्त
sunset
17:59:13
चन्द्रोदय
moonrise
0:18:37
चंद्रास्त
moonset
14:44:51

शुभ अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
11:45 से 12:31
गुलिकाल
15:03:44 से 16:31:28
राहुकाल
16:31:28 से 17:59:13
यमघंट काल
12:08:15 से 13:35:59M

सम्पूर्ण पंचांग

तिथि
कृष्ण नवमी - 10:14:53 तक
नक्षत्र
पुष्य - 26:45:42 तक
योग
शिव - 6:2:3 तक
करण
गर - 10:14:53 तक
नक्षत्र देवता
बृहस्पति
नक्षत्र स्वामी
शनि
करण देवता
वासुदेव

विशेषता

तिथि विशेष
रिक्ता तिथि - सारांश : महत्वपूर्ण व्यवसायों के लिए अशुभ तथापि तर्क - वितर्क, प्रतियोगिता और शारीरिक व्यायाम के लिए अच्छा है।
नक्षत्र विशेष
उधर्वमुख नक्षत्र
करण विशेष
करण विशेषता: यह पशुपालन कार्य, मवेशी व्यापार, डेयरी व्यापार, चारा व्यापार, खेत की जुताई, वास्तु कर्म या मकानों, भवनों तथा अन्य समान परियोजनाओं के कार्य के लिए अनुकूल है।
शक संवत :
शोभन 1945
विक्रम संवत:
नल 2080
मास अमांत:
भाद्रपद
मास पूर्णिमांत:
अश्विन
सूर्य राशि
कन्या
चंद्र राशि
कर्क
दिशा शूल
पश्चिम
चंद्र निवास
उत्तर
ऋतु
शरद
अयन
दक्षिणायन

8 अक्तूबर 2025 को क्या है ?

8 अक्तूबर 2025 को बुधवार है. बुधवार के दिन पर बुध ग्रह और भगवान विष्णु का अमल होता है.
    आज का पंचांग

    क्या है पंचांग ?

    पंचांग, (Panchang) पंचांगम एक हिन्दू कैलेंडर (Hindu calender) है. जो खगोलीय घटनाओं पर निर्धारित है. पंचांग में खगोलीय जानकारी को सारणीबद्ध किया जाता है. जिसका उपयोग ज्योतिष या हिन्दू धार्मिक विधान करने के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है. किसी घटना घटनेपर विशिष्ट नक्षत्र, करण या योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिखाई देते है. यह जानकारी ज्योतिष अनुमान द्वारा मिल सकती है. पंचांग का उपयोग कर ज्योतिष गणना द्वारा राशिफल दिया जाता है.

    पंचांग (Panchang) शब्द का उपयोग संस्कृत से किया जाता है. पंचांग (Panchang) यानि पांच अंग जो ऊर्जा स्त्रोतोंका प्रतिनिधित्व करते है. यह स्त्रोत दृश्य और अदृश्य दोनों में शामिल है. स्थान या क्षेत्र, समय, तारिक आदि, किसी मुहूर्त के लिए सटीक पंचांग का परिणाम बहुत ही महत्वपूर्ण है. तीथि, योग, वर, नक्षत्र और करण पंचांग की पांच विशेषताएं है. पंचांग की इन पांच विशेषताए जब किसी खास कारन के लिए संतुलन बनाये रखने पर, उसे मुहूर्त कहा जाता है. धार्मिक विधि, विधान करने के लिए, किसी कार्य का प्रयोजन करने के लिए, शुभ मुहूर्त बहोत ही महत्वपूर्ण बन जाता है.

    पंचांग की जरुरत ?

    पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ - अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है.

    पंचांग (Panchang) का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है. इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है.

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