Free online kundli

आज का पंचांग, गुरुवार 15 मई, 2025

वैशाख मास, ग्रीष्म ऋतु, विक्रम संवत, कालयुक्त 2082

15 May 2025
गुरुवार

कृष्ण पक्ष, कृष्ण द्वितीया

सूर्योदय
sunrise
5:29:34
सूर्यास्त
sunset
19:5:1
चन्द्रोदय
moonrise
21:47:47
चंद्रास्त
moonset
6:56:57

शुभ अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
11:50 से 12:44
गुलिकाल
08:53:26 से 10:35:22
राहुकाल
13:59:14 से 15:41:10
यमघंट काल
05:29:34 से 07:11:30M

सम्पूर्ण पंचांग

तिथि
कृष्ण द्वितीया - 2:30:23 तक
नक्षत्र
ज्येष्ठा - 14:8:21 तक
योग
शिव - 7:2:27 तक
करण
गर - 2:29:23 तक
नक्षत्र देवता
इन्द्र
नक्षत्र स्वामी
बुध
करण देवता
वासुदेव

विशेषता

तिथि विशेष
भद्रा तिथि - सारांश : कारखाने व अन्य स्थायी प्रतिष्ठानों की नींव रखने के लिए अच्छा है। विवाह व नौकरी प्रारम्भ करने के लिए भी अच्छा है।
नक्षत्र विशेष
मूल नक्षत्र
करण विशेष
करण विशेषता: यह पशुपालन कार्य, मवेशी व्यापार, डेयरी व्यापार, चारा व्यापार, खेत की जुताई, वास्तु कर्म या मकानों, भवनों तथा अन्य समान परियोजनाओं के कार्य के लिए अनुकूल है।
शक संवत :
विश्ववासु 1947
विक्रम संवत:
कालयुक्त 2082
मास अमांत:
वैशाख
मास पूर्णिमांत:
ज्येष्ठ
सूर्य राशि
वृष
चंद्र राशि
वृश्चिक
दिशा शूल
दक्षिण
चंद्र निवास
उत्तर
ऋतु
ग्रीष्म
अयन
उत्तरायण

15 मई 2025 को क्या है ?

15 मई 2025 को गुरुवार है. गुरुवार के दिन पर गुरु ग्रह, भगवान दत्तात्रेय और सभी प्रकार के गुरुओं का अमल होता है.
    आज का पंचांग

    क्या है पंचांग ?

    पंचांग, (Panchang) पंचांगम एक हिन्दू कैलेंडर (Hindu calender) है. जो खगोलीय घटनाओं पर निर्धारित है. पंचांग में खगोलीय जानकारी को सारणीबद्ध किया जाता है. जिसका उपयोग ज्योतिष या हिन्दू धार्मिक विधान करने के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है. किसी घटना घटनेपर विशिष्ट नक्षत्र, करण या योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिखाई देते है. यह जानकारी ज्योतिष अनुमान द्वारा मिल सकती है. पंचांग का उपयोग कर ज्योतिष गणना द्वारा राशिफल दिया जाता है.

    पंचांग (Panchang) शब्द का उपयोग संस्कृत से किया जाता है. पंचांग (Panchang) यानि पांच अंग जो ऊर्जा स्त्रोतोंका प्रतिनिधित्व करते है. यह स्त्रोत दृश्य और अदृश्य दोनों में शामिल है. स्थान या क्षेत्र, समय, तारिक आदि, किसी मुहूर्त के लिए सटीक पंचांग का परिणाम बहुत ही महत्वपूर्ण है. तीथि, योग, वर, नक्षत्र और करण पंचांग की पांच विशेषताएं है. पंचांग की इन पांच विशेषताए जब किसी खास कारन के लिए संतुलन बनाये रखने पर, उसे मुहूर्त कहा जाता है. धार्मिक विधि, विधान करने के लिए, किसी कार्य का प्रयोजन करने के लिए, शुभ मुहूर्त बहोत ही महत्वपूर्ण बन जाता है.

    पंचांग की जरुरत ?

    पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ - अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है.

    पंचांग (Panchang) का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है. इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है.

    Share with your friends:

    Astrology Tool

    Related Post