आज का पंचांग, Saturday 17 April, 2021
वार: शनिवार
पक्ष : शुक्ल पक्ष
तिथि: शुक्ल पंचमी - 20:20:48 तक
तिथि विशेष: पूर्णा तिथि - सारांश : औषधि प्रयोग व सर्जरी करने के लिए शुभ तथा कोई महत्वपूर्ण व्यवसाय, विवाह व उपचार प्रारम्भ करने के लिए शुभ।
नक्षत्र: मृगशिरा - 26:21:5 तक
नक्षत्र स्वामी: चन्द्र
नक्षत्र देवता: चंद्र
नक्षत्र विशेष: -
योग: शोभन - 19:4:59 तक
योग विशेषता : शुभ योग है, शुभ कार्यों को करने के लिए अच्छा है।
योग का अर्थ : (वैभव) - तेजस्वी काया व विषयासक्त आचरण, काम -क्रिया के प्रति जुनूनी।
करण: बालव - 20:18:49 तक,
करण देवता : ब्रह्मा
करण विशेषता: यह करण विवाह प्रदर्शन तथा ब्राह्मणों के अन्य शुभ संस्कारों के लिए विशेष रूप से श्रेष्ठ कहा जाता है।
सूर्योदय: 6:7:10
सूर्यास्त : 18:43:42
वैदिक सूर्योदय: 6:10:48
वैदिक सूर्यास्त : 18:40:5
चंद्रोदय: 9:35:35
चंद्रास्त : 23:14:41
चंद्र राशि : मिथुन
सूर्य राशि: मेष
दिशा शूल : पूर्व
नक्षत्र शूल चंद्र निवास : पश्चिम
शक संवत : प्लव 1943
मास अमांत: चैत्र
विक्रम संवत: आनंद 2078
मास पूर्णिमांत: चैत्र
ऋतु : वसंत
अयन : उत्तरायण
राहु कालं : 09:16:18 से 10:50:52 तक
गुलिकालं : 06:07:10 से 07:41:44 तक
यंमघन्त कालं : 14:00:00 से 15:34:34 तक
अभिजीत मुहूर्त : 12:00 से 12:50 तक
क्या है पंचांग ?
पंचांग, (Panchang) पंचांगम एक हिन्दू कैलेंडर (Hindu calender) है. जो खगोलीय घटनाओं पर निर्धारित है. पंचांग में खगोलीय जानकारी को सारणीबद्ध किया जाता है. जिसका उपयोग ज्योतिष या हिन्दू धार्मिक विधान करने के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है. किसी घटना घटनेपर विशिष्ट नक्षत्र, करण या योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिखाई देते है. यह जानकारी ज्योतिष अनुमान द्वारा मिल सकती है. पंचांग का उपयोग कर ज्योतिष गणना द्वारा राशिफल दिया जाता है.
पंचांग (Panchang) शब्द का उपयोग संस्कृत से किया जाता है. पंचांग (Panchang) यानि पांच अंग जो ऊर्जा स्त्रोतोंका प्रतिनिधित्व करते है. यह स्त्रोत दृश्य और अदृश्य दोनों में शामिल है. स्थान या क्षेत्र, समय, तारिक आदि, किसी मुहूर्त के लिए सटीक पंचांग का परिणाम बहुत ही महत्वपूर्ण है. तीथि, योग, वर, नक्षत्र और करण पंचांग की पांच विशेषताएं है. पंचांग की इन पांच विशेषताए जब किसी खास कारन के लिए संतुलन बनाये रखने पर, उसे मुहूर्त कहा जाता है. धार्मिक विधि, विधान करने के लिए, किसी कार्य का प्रयोजन करने के लिए, शुभ मुहूर्त बहोत ही महत्वपूर्ण बन जाता है.
पंचांग की जरुरत ?
पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ - अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है.
पंचांग (Panchang) का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है. इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है.