Amitabh Bachchan Kundli  जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ और कुंडली विश्लेषण

Amitabh Bachchan Kundli जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ और कुंडली विश्लेषण

Amitabh Bachchan Kundli

अमिताभ हरिवंशराय बच्चन, अभिनेता
जन्म : 11 अक्टूबर 1942, समय : दोपहर 4:00 PM, स्थान : इलाहाबाद (प्रयागराज)

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Amitabh Bachchan Kundli नए एस्ट्रोलॉजर्स के लिए बहोत ही महत्वपूर्ण है. महानायक अमिताभ बच्चन का जन्म 11 अक्टूबर 1942 दोपहर 4 PM को उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में हुआ है. अमिताभ बच्चन ने अपने अभिनय और अपनी आवाज से अपने चहेतों को दीवाना बनाया है. उनकी दीवानगी देश भर में इतनी सवार है. की, कई जगह उनके मंदिर तक बनाये गए है. आज अमिताभ बच्चन ने, आज अपना परचम संपूर्ण दुनिया में लहराया है. उनकी अमीरी और लोकप्रियता ने सारी सीमाएं तोड़ दी है. लेकिन कुछ साल पहले उनके जीवन में यह सब नहीं था. उन्होंने अपने शुरुवाती जीवन में गरीबी का चेहरा देखा है.

अमिताभ बच्चन की जीवनी को यहाँ विस्तार से देखें

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अमिताभ के पास खाने के लिए नहीं थे पैसे …

अमिताभ जब मुंबई आये थे. तो उनके पास रहने के लिए जगह नहीं थी. खाने के लिए पैसे नहीं थे. वे मरीन ड्राईव्ह की बेंच पर रात को सोते थे. मुंबई में लोकप्रिय बेकरी थी. जहा बिस्किट के दाम रात 12 बजे के बाद आधे हो जाते थे. अमिताभ बच्चन के पास खाने के लिए पर्याप्त पैसे नहीं होते थे. इसलिए वो आधी रात का इंतज़ार करते थे. की बिस्किट का दाम आधा होगा. इसके बाद वो बिस्किट खाकर अपना गुजारा करते थे. इसके बाद वो बॉलीवुड के उभरते सितारे बने. लेकिन इसके बावजूद उनके जिंदगी में बहोत से चढाव और उतराव आये. इसलिए अमिताभ बच्चन की जिंदगी के वो सारे पहलू, आज हम उनकी जनम कुंडली से जानने की पूर्ण कोशिश करेंगे.

इसलिए अमिताभ को अपना घर परिवार छोड़ना पड़ा

Amitabh Bachchan Kundli : अमिताभ बच्चन का कुंभ लग्न और तुला राशि है. कुंभ राशि के स्वामी शनि वृषभ राशि में चतुर्थ भाव में विराजित है. शनि की दसवीं दृष्टी अपने ही लग्न भाव को प्रभावित कर रही है. लग्न पर शनि के प्रभाव के कारण, अमिताभ को अपना शुरुवाती जीवन बहोत ही कष्टमय बिताना पड़ा. चतुर्थ भाव का शनि किसी कारण वश एक वक्त बाद घर से जातक को दूर करता है. इसलिए अमिताभ अपना करियर बनाने के लिए अलाहाबाद से अपना घर परिवार छोड़कर मुंबई आये थे.

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अमिताभ बच्चन की कुंडली में कलाकार योग

Amitabh Bachchan Kundli : अगर तीसरे भाव का सबंध पंचम भाव से या उसके अधिपति से आये. तो, यह योग कलाकार को जन्म देता है. अमिताभ बच्चन जी की कुंडली में, तीसरे भाव का स्वामी मंगल और पंचम भाव का स्वामी बुध इन दोनो की युति अष्टम भाव में हो रही है. इसमें ध्यान देने वाली बात यह है की, कला का कारक शुक्र इन दोनों ग्रहों के साथ युति में है. और साथ ही चंद्रमा शुक्र की राशि तुला में विराजित है. अगर इस योग में शुक्र या चन्द्रमा का प्रभाव पड़ता है. तो ऐसे व्यक्ति को कलाकारी सिखने के जरुरत नहीं है. चन्द्रमा और शुक्र के कारण व्यक्ति में कला की अच्छी समज होती है.

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अमिताभ बच्चन की कुंडली में था प्रेम विवाह योग

Amitabh Bachchan Kundli : सप्तमेश सूर्य और पंचमेश बुध की शुक्र के साथ युति के कारण अमिताभ का 3 जून 1973 को अभिनेत्री जया बच्चन से प्रेम विवाह हो गया. सप्तमेश और पंचमेश शुक्र के साथ होने के कारण जया बच्चन कलाकार के तौर पर बॉलीवुड से जुडी है. अब काफी समय बित गया है. की, जया बच्चन ने फ़िल्मी जीवन से सन्यास ले लिया है.

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इसलिए पत्नी जया बच्चन राजनीति में है सफल सांसद

अब जया बच्चन राजनीति में उत्तर प्रदेश से समाजवादी पार्टी से चार बार राज्यसभा की सांसद बनी हुई है. अतः अमिताभ जी के कुंडली में सप्तम स्थान में सिंह राशि है. और सप्तम स्थान में राहु विराजित है. राहु और सूर्य राजनीती के अच्छे जानकार माने जाते है. सप्तमेश सूर्य का संबंध सीधा उनके दशम भाव से यानि मंगल से आ रहा है. इन दोनों ग्रहों के कारण जयाजी सफलता पूर्वक अभी तक राजीनीति से जुड़कर सांसद बनी हुई है.

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इसलिए अमिताभ बच्चन ने जीता चुनाव और बने थे सांसद

अमिताभ बच्चन ने फिल्मों में सफलता के बाद राजीव गांधी से मित्र प्रेम निभाते, चुनाव में कूद पड़े थे. और वे अलाहाबाद से 1984 में बतौर सांसद चुनकर भी आये थे. यह चुनाव काफी वोटोंसे उन्होंने जित लिया था. अमिताभ जी की, कुंडली में सप्तमेश और दशमेश कुंडली में युति बनाकर अष्टम भाव में बैठे है. दशमेश सरकार है. सप्तमेश सत्ता है. सप्तमेश सूर्य राजनीती का प्रतिनिधित्व करता है. सीधा प्रशासन और सरकारी यंत्रणा से सबंध रखता है. इसलिए कुछ समय के लिए सत्ता में बैठे उनके दोस्त के कारन उन्हें चुनाव जीतकर सरकार का हिस्सा बनने का मौका मिला. लेकिन अष्टम भाव में होने वाले ग्रहों के युति के कारण उन्हें बाद में राजनितिक जीवन में बदनामी सहने पड़ती. शायद इसका अंदाजा उन्हें पहले ही लग गया था और उन्होंने राजनीती को हमेशा के लिए अलविदा किया.

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इसलिए अमिताभ बच्चन की जिंदगी का यह हादसा था खतरनाक

अमिताभ के जीवन की सबसे महत्वपूर्ण घटना यह मानी जाती है। की 26 जुलाई 1982 में अमिताभ बच्चनजी का शूटिंग के दौरान बड़ा एक्सीडेंट हो गया. और उनके पेट में घाव हो गया. अमिताभ की हालत काफी गंभीर बताई जा रही थी. इसके लम्बे दिनों के बाद अमिताभ ने मौत पर विजय हासिल कर दी. माना जाता है की, इस दिन अमिताभ बच्चन अपना नया जन्म दिन मनाते है. इतना उनके जिंदगी का यह हादसा खतरनाक था. आइये जानते है इसके बारे में विस्तार से.

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इसलिए अमिताभ बच्चन के हादसे पर ध्यान देने वाली बातें

जैसे अमिताभ का हादसा हुआ है. Amitabh Bachchan Kundli से देखे,खास करके उनके शरीर का पेट का हिंसा काफी गंभीर था. इसमें अमिताभ का लग्नेश शनि, चतुर्थ भाव और चतुर्थेश शुक्र, साथ में षष्ट भाव और षष्टेश चंद्रमा और अष्टमभाव और अष्टमेश बुध और मंगल का सबंध आता है.

अमिताभ जी के कुंडली में चतुर्थेश (पेट का कारक) अष्टम भाव (काट छाट / ऑपरेशन, मृत्यु) अष्टमेश और मंगल के साथ है. मंगल अपघातों का कारक ग्रह है. लग्नेश स्वयं चतुर्थ भाव में है. जुलाई 26, 1982 को जब यह हादसा हुआ तब अमिताभ जी की शनि की महादशा और चंद्रमा की अंतर्दशा, गुरु की प्रत्यंतर दशा चल रही थी. शनि स्वयं लग्नेश है. चन्द्रमा षष्टेश यानि रोग भाव, हस्पताल को दर्शाता है. और गुरु स्वयं कुंडली मे रोग में बैठे है.

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इसलिए जिंदगी का यह हादसा था मृत्यु समान

अगर इस वक्त गोचर ग्रहोंकी बात की जाए तो, Amitabh Bachchan Kundli अमिताभ जी को शनि की साढ़े साती की पहली ढैय्या शुरू हो गई थी. और शनि अष्टमभाव से गोचर कर रहे थे. अष्टमभाव साक्षात मृत्यु का है. काट छाट, ऑपरेशन का है. कुंडली में पहले से ही अष्टम भाव से ही, अष्टमेश बुध, चतुर्थेश शुक्र, मंगल, और सूर्य इनकी युति बनी हुई है. और इनपर शनि का गोचर. खास बात यह है की, इस दिन षष्ठेश चंद्रमा और शनि युति बनाकर अष्टम स्थान से गोचर कर रहे थे. और सूर्य और बुध षष्ठ भाव से गोचर कर रहे थे. यह समय अमिताभ के लिए निश्चित ही मृत्यु समान रहा होगा.

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और अमिताभ को टीबी और लीवर की बीमारी ने जकड़ लिया

अमिताभ बच्चन की जिंदगी की दूसरी बड़ी घटना, उनकी बीमारी थी. साल 2000 में जब कौन बनेगा करोड़पति की शुरुवात हुई. उसके पहले दिन से उन्हें जानकारी मिली की उन्हें टीबी जैसे भयंकर बीमारी ने घेर लिया है. हिपेटाइटिस बी ने उन्हें पहले से ही घेर लिया था. अशुद्ध रक्त उनके लिव्हर के अंदर चला गया था. और उन का लिव्हर 75 प्रतिशत डैमेज या ख़राब हो हो रहा था. इस बात का पता उन्हें तक़रीबन 20 साल के बाद पता चला. अब अमिताभ बच्चन मात्र 25 प्रतिशत लिव्हर पर अपनी जिंदगी जी रहे है.

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अमिताभ बच्चन की जिंदगी में आयी टीबी का यह था कारण

टीबी जैसी बीमारी गुरु ग्रह के कारण होती है. गुरु का स्वभाव उत्पादित करना है. गुरु टीबी की पेशियों को बढ़ाता है. अमिताभ की कुंडली में गुरु कर्क राशि में उच्च के होकर छटे (रोग भाव) में विराजित है. अतः गुरु स्वयं छटे भाव में उच्च का होने के कारण. अमिताभ की बीमारी का निदान भी गुरु के कारण हुआ. और उनपर इलाज भी हो पाया.

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