Madhuri Dixit Kundli करियर और जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ और विश्लेषण

Madhuri Dixit Kundli करियर और जीवन की महत्वपूर्ण घटनाएँ और विश्लेषण

Madhuri Dixit Kundli का अभ्यास ज्योतिष सीखने के लिए महत्वपूर्ण होगा.

माधुरी शंकर दीक्षित, (Madhuri Dixit), बॉलीवुड, अभिनेत्री
जन्म : 15 May 1967, समय : 06 : 15 pm, स्थान : मुंबई

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Madhuri Dixit Kundli का अभ्यास इसलिए महत्वपूर्ण हो जाता है. बॉलीवुड एक्ट्रेस माधुरी दीक्षित फ़िल्मी सितारों में सबसे लंबे समय तक चमकती रही है. उनकी अदा, अभिनय और उनके नृत्य कला आविष्कार ने पुरे देश को मोहित किया हुआ है. माधुरी दीक्षित बचपन में बहोत ही पढ़ाकू थी. उनके माता पिता उन्हें डॉक्टर बनाना चाहते थे. खुद माधुरी का भी सपना डॉक्टर बनने का था. सन 1984 में फिल्म अबोध से माधुरी दीक्षित ने अपने करियर की शुरुवात की थी.

माधुरी दीक्षित इस फिल्म में अपना बेहतरीन प्रदर्शन नहीं कर पाई. इसके बाद लगातार, आवारा बाप, स्वाति, हिफाजत, उत्तर दक्षिण, मोहरे, खतरों के खिलाडी, दयावान ऐसी सात फिल्मे उन्होंने की. लेकिन उन्हें बॉलीवुड में इतनी कामयाबी नहीं मिल पाई. लेकिन इसके बाद सन 1988 में लगातार उनकी चार फिल्मे प्रदर्शित हुई. उनमे से एक फिल्म तेज़ाब थी. यह फिल्म 90 के दशक की बहोत ही सुपर हिट फिल्म रही.

4 फिल्म फेयर अवार्ड माधुरी दीक्षित के नाम

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माधुरी दीक्षित एक ऐसे अभिनेत्री है. जिनको 13 बार फिल्म फेयर अवार्ड के लिए नॉमिनेट किया गया है. और इसमें से 4 फिल्म फेयर अवार्ड माधुरी दीक्षित के नाम हुए है. इसका कारण था, इस फिल्म का एक गाना. और इस गाने पर माधुरी दीक्षित का डांस. गाना एक, दो, तीन के कारण माधुरी दीक्षित को बॉलीवुड में एक नई पहचान मिली. और यहाँ से माधुरी दीक्षित का बेहतरीन फ़िल्मी करियर शुरू हुआ. आइये जानते है. माधुरी दीक्षित के जिंदगी के वो पल जिसे उनकी जन्म कुंडली द्वारा हम जानने की कोशिश करेंगे.

माधुरी दीक्षित की तुला लग्न और कर्क राशि की कुंडली है. इनका लग्न लगभग 20 डिग्री का है. इसलिए इनके जनम कुंडली से हमें इनके जिंदगी के पहलूंओं को, उजागर करने में कोई बड़ी मुश्किल नहीं होगी. तुला लग्न का स्वामी शुक्र है. जिसके कारन माधुरी दीक्षित के व्यक्तित्व में कलात्मकता दिखाई देती है.

इसलिए माधुरी दीक्षित का स्वभाव होगा बहोत ही रहस्यमय

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इनकी अदा, इनका अभिनय, और नृत्य कौशल्य भी तुला लग्न के कारन है. इसका सबसे बड़ा कारन इनका लग्नेश शुक्र नववे भाव में बैठा है. और इनके लग्न में नेप्च्यून जैसा ग्रह विराजमान है. शुक्र तो कलाकार है ही. लेकिन कला को समझने के लिए, लग्न में बैठा हुआ नेप्च्यून काफी है. लग्न में बैठे नेप्च्यून और केतु के कारन इनका व्यक्तित्व कुछ हद तक गूढ़ स्वभाव का होगा.यह मन की बाते इतने जल्दी किसी को बताती नहीं होगी. इनके आस पास के लोगों के के लिए इनका स्वभाव बहोत ही रहस्यमय लगता होगा.

Madhuri Dixit Kundli : माधुरी दीक्षित के कुंडली में मंगल १२ वे भाव में कन्या राशि में विराजित है. इसलिए माधुरी को मांगलिक कहना गलत नहीं होगा. अक्सर देखा गया है. की मांगलिक लोग दूसरे लोगों के मुकाबले जल्दी ग़ुस्सा हो जाते है. कभी कभी चिड़चिड़ करना इनकी आदत भी बन जाती है. इसलिए इनके आस पास रहने वाले लोग इनको घुस्से वाले लोगो में शामिल करते होंगे.

स्पर्धा में टिकने के लिए मांगलिक होना फलदायी

लेकिन किसी स्पर्धा में टिके रहने के लिए मांगलिक योग अच्छा साबित होता है. दसवे भाव में बैठे गुरु की दृष्टी छटे भाव पर है. गुरु बढ़ाने का काम करता है. शनि भी यहाँ छटे भाव में बैठे है. शनि जिस भाव में बैठते है. उस भाव की वृद्धि करते है. इस कारन इन के फ़िल्मी करियर में इन्हे बहोत बड़े कलाकारों से स्पर्धा का सामना करना पड़ा होगा. 90 के दशक में जूही चावला, मीनाक्षी शेषाद्रि, श्रीदेवी जैसी बहुत सारी लोकप्रिय अभिनेत्रियां बेशक माधुरी के लिए एक स्पर्धक के रूप में जोरदार टक्कर देती होंगी. लेकिन बड़े बड़े अभिनत्रियों के साथ स्पर्धा करना भी इनके कुंडली में योग था.

माधुरी दीक्षित ने क्यों चुना फ़िल्मी करियर ?

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Madhuri Dixit Kundli : माधुरी दीक्षित की कुंडली में कलाकार का योग बनता हुआ दिखाई देता है. तुला लग्न बेहतरीन कलाकारी की समज रखता है. और स्वयं लग्न में नेप्च्यून है. नेप्चून वो शक्ति है. जो दिखाई नहीं देती लेकिन महसुन की जाती है. इसलिए कलाकार के लिए नेप्च्यून से सबंध अच्छा माना जाता है.

अगर कुंडली में तृतीयेश और पंचमेश एक दुसरे से किसी भी प्रकार का सबंध बनाते है. तो, व्यक्ति एक अच्छा कलाकार बनता है. तृतीयेश गुरु दशम स्वामी के साथ कर्क राशि में उच्च के बने हुए है. यहाँ तृतीयेश गुरु की नववी दृष्टी छटे भाव और पंचमेश भाव के स्वामी शनि. जो छटे भाव में विराजित है. उन पर पड़ रही है. अतः तृतीयेश गुरु दसवे भाव में विराजित है. और दसवे भाव का स्वामी चंद्रमा स्वयं अपनी कर्क राशि में विराजित है.

तृतीय भाव किसी भी प्रकार की पुनरावृत्ति (Repetition), बार बार करनेवाली कोशिश को दर्शाती है. इसलिए किसी काम के प्रति समर्मण भाव, और उसका बार बार अभ्यास करने की क्षमता कलाकार को जन्म देती है. दशम स्थान में विराजित कर्क राशि के उच्च के गुरु करियर लंबा बड़ा रखने के लिए मददगार है. इसी कारन उनके टीम में उनके साथ बहोत सारे लोग एक साथ काम करते होंगे.

माधुरी दीक्षित का फिल्मी करियर ग्राफ

सन 11 नवंबर 1988 में माधुरी दीक्षित की फिल्म तेज़ाब रिलीज हो गई. और यह फिल्म माधुरी दीक्षित के करियर के लिए एक मास्टर स्ट्रोक साबित हो गई. इस फिल्म के लिए उन्हें बतौर बेस्ट एक्ट्रेस फिल्म फेअर के लिए नॉमिनेशन भी मिला था. इस वक्त माधुरी दीक्षित की कुंडली में बुध की महादशा चल रही थी. और गुरु गुरु की अंतर दशा शुरू हो गई थी. लग्नेश शुक्र जो कला के स्वामी है. शुक्र नवम भाव में मिथुन राशि में विराजमान है. नवम भाव का स्वामी बुध है. इसलिए बुध की महादशा महत्वपूर्ण है. गुरु स्वयं दसवे भाव यानि कर्म के भाव में कर्क राशि में चंद्रमा के साथ उच्च के होकर विराजित है.

इसलिए माधुरी दीक्षित के करियर के लिए गुरु बहोत ही महत्वपूर्ण ग्रह है. इसलिए यह वक्त माधुरी दीक्षित के करियर के लिए यादगार साबित होने वाला था.

फिल्म तेजाब से शुरू हुआ शानदार करियर

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जब फिल्म तेज़ाब रिलीज हुई. तब माधुरी दीक्षित के गोचर कुंडली में गुरु अष्टम और नवम भाव से गोचर कर रहे थे. अष्टम भाव का वृषभ राशि से गुरु का गोचर. कन्या राशि के गोचर शुक्र पर पांचवी दृष्टी से देख रहा था. इसके कुछ दिन बाद लगभग 13 महीने गुरु नवम भाव में गोचर कर रहा था. नवम भाव में कुंडली में शुक्र पहले से विराजित है.

तेजाब रिलीज : 11 November 1988 गोचर कुंडली

इसलिए यह संयोग भी माधुरी दीक्षित के लिए महत्वपूर्ण रहे. इसके फिर से तेरा महीने बाद गुरु का गोचर माधुरी दीक्षित कुंडली के दसवे भाव से रहा. यहाँ कुंडली में दसवे भाव में पहले से गुरु कर्क राशि में चन्द्रमा के साथ उच्च के होकर बैठे है. इसलिए यह समय भी उनके करियर के लिए बेहतरीन साबित हुआ. और इस दौर में उन्होंने एक बढ़कर एक बेहतरीन फिल्म में अपना प्रदर्शन जारी रखा.

फिल्म हम आपके है कौन, इसलिए बनी यादगार फिल्म

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अगस्त 1995 में आई उनकी फिल्म हम आप के है कौन, उनके करियर की सबसे यादगार फिल्म रही. इस वक्त माधुरी दीक्षित के गोचर कुंडली में गुरु प्रथम यानि लग्न भाव से गोचर कर रहे थे. गोचर गुरु अपनी नववी दृष्टी से सीधे जन्म कुंडली के नववे भाव में स्थित लग्नेश शुक्र को देख रहे है. साथ ही तृतीयेश गुरु अपनी पांचवी दृष्टी से पंचम भाव में बैठे गोचर पंचमेश शनि को देख रहे है. पंचमेश और तृतीयेश का सबंध एक अच्छे कलाकार को जन्म देता है. माधुरी दीक्षित की कुंडली में यह योग पहले से ही बना हुआ है.

हम आपके है कौन, रिलीज : 5 August 1994 गोचर कुंडली

1995 में गोचर तृतीयेश गुरु और शनि ने यह योग फिर दोहराया. इस वक्त माधुरी ने हम आपके है कौन, जैसी बेहतरीन फिल्म में बतौर अभिनेत्री लाजवाब प्रदर्शन कर अपने आप को सर्वश्रेष्ठ कलाकार सिद्ध किया.

माधुरी दीक्षित के पति डॉक्टर श्रीराम नेने

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Madhuri Dixit Kundli : माधुरी दीक्षित का विवाह सन 1999 में अमेरिका स्थित सर्जन डॉक्टर श्रीराम नेने के साथ हुआ है. डॉक्टर नेने एक पेशेवर सर्जन है. आइये जानते है इस बारे में कुंडली से. माधुरी दीक्षित की कुंडली में सप्तमेश मंगल बारवे भाव में कन्या राशि में विराजमान है. बारहवां भाव विदेश से जुड़ा हुआ है. इसी कारण विवाह के बाद माधुरी अमेरिका में बस गई.

Madhuri Dixit Kundli सप्तमेश बारहवे भावे में है. जो की अपने स्थान से ठीक छटे भाव में है. छटा भाव रोग, या रोगी सबंधी व्यवसाय को दर्शाता है. साथ ही साथ बारहवे भाव का स्वामी माधुरी के कुंडली में आठवे भाव में विराजित है. यह भाव काटना, शल्य कर्म आदि को दर्शाता है. सप्तम भाव में राहु है. और सप्तम राहु पर बारहवे भाव में बैठे मंगल की आठवीं दृष्टी है. मंगल राहु का सबंध व्यक्ति के जीवन में सीधा खून या रक्त से आता है. यही यह योग है. जिससे माधुरी दीक्षित के पति, डॉ. नेने एक पेशेवर सर्जन है.

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