Mukesh Ambani Kundli धन संपत्ति और अधिकार के योग

Mukesh Ambani Kundli धन संपत्ति और अधिकार के योग

Mukesh Ambani Kundli

मुकेश अंबानी जन्म : 19 एप्रिल 1957, जन्म समय : शाम 7 बजकर 53 मिनट, जन्म स्थान : आदेन, यमेन

मुकेश अंबानी कुंडली में हम आज विस्तार से उनके जीवन की घटनाओं के बारे में जानेंगे. साथ यह भी देखेंगे मुकेश अंबानी की कुंडली ख़ास क्यों है. मुकेश अंबानी की कुंडली में ऐसे कौनसे योग है. जिसके कारण वो धन संपत्ति और अधिकार के योग से दुनिया के सबसे बड़े बिजनेस टायकून बन गए.

मुकेश अंबानी का जन्म 19 एप्रिल 1957 में शाम 7 बजकर 53 मिनट पर, यमेन के आदेन शहर में हुआ है.

मुकेश अंबानी के जीवन की कुछ घटनाएं प्रचलित है. और कुछ घटनाओं के बारे में हम सभी को जानकारी नहीं है. इसलिए उनके जीवन में जो भी घटनाये घटी है. उस घटनाओं के बारे में विस्तार से चर्चा करते है. Mukesh Ambani Kundli में हम विस्तार से जानेंगे

मुकेश अंबानी का स्वभाव और उनकी कुंडली

मुकेश अंबानी की लग्न राशि वृश्चिक है. वृश्चिक राशि में शनि विराजमान है. साथ ही मंगल की सातवीं दृष्टी उनके लग्न भाव पर है. शनि तृतीयेश और चतुर्थेश है. तो मंगल लग्नेश षष्टेश है. हालां कि उनकी लग्न डिग्री कम होने के कारण. तुला राशि से भी विचार होना जरुरी है. इनका स्वभाव का मिजाज थोड़ा गर्म जरूर हो सकता है. लेकिन शनि के प्रभाव के कारण इनमे संयम भी बना रहेगा. वृश्चिक राशि के प्रभाव के कारण इनके अंदर बदले की भावना जरूर बनी रहेगी. इनके लिए मान सन्मान की चाहत बड़ी होती है.

यह गुण मुकेश अंबानी को बनाता है अलग

हालांकि सातवे भाव में लग्नेश मंगल होने से इन्हे मान सन्मान की भी प्राप्ति होगी. लग्नेश मंगल के प्रभाव के कारण विपरीत परिस्थि में निर्णय लेना इनके लिए मुश्किल नहीं होता. किसी भी चुनौती के लिए यह सदा तैयार रहते है. मंगल षष्टेश होने के कारण इन्हे दूसरों से स्पर्धा करने में विशेष आनंद मिलता है. लग्न भाव में शनि है. इसलिए इनके पास प्रचुर मात्रा में अनुभव होगा. लग्न में बैठे शनि के कारण इनका स्वभाव गंभीर होगा. इसलिए सोच समझकर ही किसी निर्णय तक यह पहुंचेंगे. महत्वपूर्ण बात यह है, शनि की पराक्रम भाव पर पड़ने वाली तीसरी दृष्टी इन्हे बार बार मेहनत, और कोशिश करने के लिए प्रेरित भी करती है. इसलिए यह बहोत ही मेहनती इंसान है. और यह हमेशा अपने कर्मों को प्राथमिकता देते है.

मुकेश अंबानी की कुंडली (Mukesh Ambani Kundli) वृश्चिक लग्न की है. लेकिन कुंडली का गहन अध्ययन किया तो समज में आएगा. कुंडली के लग्न भाव का अंश 00.28 है. इसलिए चलित कुंडली में कुछ ग्रह स्थान परिवर्तन करते नजर आते है. ज्योतिष नियम के अनुसार मूल कुंडली ग्रह स्थिति से भी फलादेश मिलेंगे. इसका मतलब अगर कुछ घटनाओं का अभ्यास करने के लिए हमें चलित कुंडली भी का अभ्यास करना योग्य रहेगा.

नीता अंबानी का स्वभाव मुकेश अंबानी के कुंडली से

नीता अंबानी की पहचान अब सिर्फ मुकेश अंबानी की पत्नी नहीं है. 2008 में बीसीसीआइ ने आयपीएल की शुरुवात की. और रिलायंस ने मुंबई इंडियंस की टीम को खरीद लिया. इसके बाद नीता अंबानी मुंबई इंडियंस टीम की सर्वे सर्वा बन गई. और सभी क्रिकेट प्रेमियोंका ध्यान नीता अंबानी ने खींच लिया. मुंबई इंडियंस टीम ने अच्छा प्रदर्शन कर के कंपनी को अच्छा मुनाफा बनाकर दिया. इसलिए मुंबई इंडियंस के सफलता के पीछे नीता अंबानी का भी हात है.

पत्नी नीता अंबानी के खास शौक

मुकेश अंबानी की कुंडली (Mukesh Ambani Kundli) में सप्तम भाव में वृषभ राशि है. और सप्तमेश शुक्र छटे भाव में विराजित है. साथ में बुध, सूर्य और केतु भी विराजमान है. सप्तम भाव में मंगल होने के कारण नीता अंबानी का स्वभाव सीधा टकराव करने वाला होगा. सप्तमेश शुक्र षष्ट भाव में लग्नेश मगल के साथ राशि परिवर्तन कर रहा है. शुक्र व्ययेश का भी स्वामी है. हालांकि इनका स्वभाव बहोत ही खर्चीला होगा. महंगे चीजोंपर खर्च करना इन की आदत और शौक होगा. अपने पद और प्रतिष्ठा के कारण यह अभिमान और अहंकार की शिकार होगी. कुछ बातो में इनका स्वभाव मुकेश अंबानी से बहोत विपरीत होगा. जहा मुकेश अंबानी के पास धीरज और संयम होगा. वही नीता अंबानी के पास संयम और धीरज की कमी होगी. हालांकि नीता अंबानी जन्म से बहोत ही सामन्य परिवार से रही होगी. छोटी छोटी बातोंसे यह हमेशा चिंतित रहेगी.

मुकेश अंबानी का वैवाहिक जीवन मुकेश अंबानी के कुंडली से

नीता अंबानी और मुकेश अंबानी के सबंधों की अगर चर्चा की जाए तो. मुकेश अंबानी की कुंडली में लग्नेश सप्तम भाव में होना दोनों में प्रेम को दर्शाता है. साथ में सप्तम में मंगल. मंगल पर शनि की दृष्टि होना. और सप्तमेश का छटे भाव में होना दोनों में तकरार और मनमुटाव को दर्शाता है. इन पति पत्नी के बिच के झगडे में मुकेश अंबानी हमेशा दो कदम बिछे हटेंगे. और पत्नी की गलतयों पर खुद ही माफ़ी मांगकर झगड़ा ख़त्म करेंगे. हालांकि गुरु की शुक्र पर नौवीं दृष्टि पड़ रही है. इसलिए तकरार होने पर समाधान भी निकलेगा. इसके बावजूद मुकेश अंबानी को बिझनेस में पत्नी का अच्छा सहयोग रहेगा. और पत्नी के कारण बिझनेस में फायदा भी होगा.

छोटा भाई अनिल अंबानी और विवाद

मुकेश अंबानी की कुंडली (Mukesh Ambani Kundli) में छोटे भाइ का कारक, तृतीय भाव का स्वामी शनि लग्न भाव में विराजित है. और मंगल को भाइयों का का कारक ग्रह माना जाता है. सप्तम में मंगल की सातवीं दृष्टी लग्न पर है. जो तृतीयेश शनि पर मंगल की पूर्ण दृष्टी है. मंगल शत्रु भाव का कारक है. इसलिए दोनों भाइयों के बिच विवाद होना सामान्य था. तृतीयेश और लग्नेश के सबंधों के कारण इनमे प्रेम तो होगा. लेकिन विपरीत स्वभाव के कारण इनमे शत्रुता बनी रहेगी.

शनि की तीसरी दृष्टी छोटे भाई को संघर्ष करने के लिए मजबूर बना रही है. साथ ही शनि का दशम स्थान पर होने वाला प्रभाव पुश्तैनी व्यवसाय में भाई के साथ विवाद निर्माण कर रहा है. मंगल की आठवीं दृष्टी अपने भाई को अनदेखी करती है. लेकिन बात अगर संपत्ति और परिवार की आ जाये तो व्यक्ति से बदला लेने के लिए मजबूर भी करती है.

भाइयों में प्यार और नफरत की कहानी

मुकेश अंबानी ने बीबीसी को दिए एक साक्षत्कार में बताया था, अनिल ने मेरे ऑफिस में जासूस लगाए है. इसके बाद छोटे भाई अनिल अंबानी ने बड़े भाई मुकेश पर 10 हजार करोड़ का मानहानि का दावा ठोक दिया था. यह हो गई लड़ाई.

अब देखते है दोनों भाइयों के बिच में प्रेम. हाली में अनिल को एरिक्सन कंपनी को 6.5 अरब डॉलर बकाया देना था. अनिल अंबानी इस वक्त दिवालिया हो चुके है. अनिल अंबानी को कोर्ट ने 4 हफ़्तोंका समय दिया. और कहा अगर पैसे सिमित समय पर नहीं लौटाए गए तो अनिल अंबानी को जेल जाना पड़ेगा. 4 हप्ते का समय बित रहा था. सभी को लग रहा था अब अनिल को जेल जाने से कोई नहीं रोक पायेगा. लेकिन इसी वक्त बड़ा भाई छोटे भाई की मदद के लिए पहुँच गया. और एरिक्सन का 6.5 अरब डॉलर का बकाया रातोरात दे दिया. इस पर अनिल अंबानी ने बयान जारी कर के धन्यवाद व्यक्त किया था.

पिता धीरूभाई अंबानी का सफर मुकेश अंबानी के कुंडली से

मुकेश अंबानी के जन्म के बाद बदल गए दिन

जब मुकेश अंबानी का जन्म हुआ. तो उनके पिताजी धीरूभाई अंबानी येमेन देश में एक साधारण सी नौकरी कर रहे थे. लेकिन जैसे ही मुकेश अंबानी का जन्म हुआ तो उनके दिन बदलने शुरू हो गए. आखिर इसका भी राज उनकी कुंडली में ही छिपा है.

लग्न भाव में शनि विराजित है. तथा उनके दशम भाव में सिंह राशि में गुरु विराजित है. गुरु दूसरे और पंचम भाव का कारक है. गुरु के लिए सिंह राशि विस्तार करने वाली मानी जाती है. इलसिए जब मुकेश अंबानी का जन्म हुआ तो उनके पिता के दिन बदलने शुरू हो गए. इसलिए पिता पुत्र एक दूसरे के लिए भाग्यशाली साबित हो गए. दशम में गुरु पुश्तैनी या पिता से मिलने वाले व्यवसाय को दर्शाता है.

मुकेश अंबानी की कुंडली में धन संपत्ति और अधिकार के योग

दशमेश गुरु अर्थ त्रिकोण पर प्रभाव डालता है. गुरु की दृष्टी भाव के फल की वृद्धि करती है. गुरु की पांचवी दृष्टी धन भाव पर पड़ती है. तो नौवीं दृष्टी षष्ट भाव पड़ती है. जो सेवा नौकर और शत्रु को दर्शाती है.

दशम, सप्तम और षष्ट भाव और उनके अधिपति का सबंध व्यक्ति जिस क्षेत्र में काम करता है. उसमे सर्वोच्च पद को दर्शाता है. दशम भाव कर्म, षष्ट भाव सेवक और सेवा तथा सप्तम भाव अधिकार को दर्शाता है. गुरु की नौवीं दृष्टी इस फल को और वृद्धिंगत करती है. तथा शनि की सप्तम दृष्टी अधिकार और तत्वोंको बढ़ावा देती है. षष्टेश मंगल सप्तम में होने के कारण विशेष अधिकार का अवसर मिलता है. गुरु की दृष्टी नवम भाव के स्वामी चन्द्रमा पर पड़ती है. यहाँ चंद्र गुरु नवपंचम योग का निर्माण होता है. इससे जिंदगी में इन्हे बार बार नए अवसर मिलते रहेंगे.

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