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आज का चौघड़िया मुहूर्त, रविवार 22 दिसंबर 2024, चेन्नई भारत के लिए

चौघड़िया का उपयोग ख़ास मुहूर्त देखने के लिए किया जाता है. किसी नए कार्य की शुरुवात करने के लिए. अथवा दूर के यात्रा की शुरुवात करने के लिए भी चौघड़िया का उपयोग किया जाता है. चौघड़िया के अनेक मुहूर्त और इसकी विशेषताओं के कारण इसका उपयोग अन्य कार्यों के लिए भी किया जाता है.

आज का चौघड़िया मुहूर्त, रविवार 22 दिसंबर 2024

दिन का चौघड़िया

चौघड़िया आरंभ समय समाप्ति समय शुभ / अशुभ
उद्वेग 06:27 AM 07:52 AM अशुभ
चर 07:52 AM 09:17 AM सामान्य
लाभ 09:17 AM 10:42 AM उन्नति
अमृत 10:42 AM 12:08 PM सर्वोत्तम
काल 12:08 PM 01:33 PM हानि
शुभ 01:33 PM 02:58 PM उत्तम
शुभ 02:58 PM 04:23 PM उत्तम
उद्वेग 04:23 PM 05:49 PM अशुभ

रात्रि का चौघड़िया

चौघड़िया आरंभ समय समाप्ति समय शुभ / अशुभ
शुभ 05:49 PM 07:23 PM उत्तम
अमृत 07:23 PM 08:58 PM सर्वोत्तम
चर 08:58 PM 10:33 PM सामान्य
रोग 10:33 PM 12:08 AM अमंगल
काल 12:08 AM 01:43 AM हानि
लाभ 01:43 AM 03:18 AM उन्नति
उद्वेग 03:18 AM 04:53 AM अशुभ
शुभ 04:53 AM 06:28 AM उत्तम

शुभ और अशुभ चौघड़िया मुहूर्त

चौघड़िया मुहर्त के सात चरण या काल माने जाते है. इसमें अमृत काल, शुभ काल, लाभ और चर काल शुभ माना जाता है. तथा बाकी तीन काल रोग, काल और उद्वेग को अनुपयोगी माना गया है. चौघड़िया के प्रथम चार काल में शुभ कार्य की शुरुवात करना शुभ और उत्तम माना गया है.

चौघड़िया मुहूर्त के दो प्रकार होते है. दिन का चौघड़िया और रात्रि का चौघड़िया. सूर्योदय से सूर्यास्त के मध्य समय में दिन का चौघड़िया कहा जाता है. तथा सूर्यास्त से लेकर अगले सूर्योदय तक के समय को रात्रि का चौघड़िया कहा जाता है.

चौघड़िया वार वेला, काल वेला और काल रात्रि क्या है ?

चौघड़िया मुहूर्त में शुभ मुहूर्त और वर्जित मुहूर्त का अलग समय माना जाता है. वार वेला, काल वेला तथा काल रात्रि के समय का हिस्सा है. और इसमें कीसी भी शुभ कार्य की शुरुवात करना वर्जित है. इस समय शुरू किया हुआ कोई भी कार्य फलदाई होने में असमर्थ होता है.

चौघड़िया मुहूर्त कैसे निकाला जाता है ?

वैदिक काल में सूर्योदय से सर्यास्त और सूर्यास्त से सूर्योदय के समय को ३० विभागों मे बाटा गया है. चैघड़िया मुहूर्त, इसी ३० घटी समय को फिर से ८ में विभाजित किया गया है. इस गणित के माध्यम से प्रत्येक दिन के ८ और रात के ८ चौघड़िया मुहूर्त प्राप्त होते है.

इसमें प्रत्येक चौघड़िया मुहूर्त ४ घटी का है. इसलिए इस मुहूर्त को चार घटी यानी चौघड़िया के नाम से जाना जाता है. चौघड़िया को चतुर्श्तिका नाम से भी जाना जाता है.

शुभ चौघड़िया और राहु काल एक साथ हो तो क्या करें ?

राहुकाल को हमेशा अनिष्टकारी माना जाता है. किसी भी शुभ कार्य की शुरुवात के लिए राहुकाल को वर्ज्य माना गया है. दक्षिण भारत में राहु कालम को विशेष महत्व दिया जाता है. इसलिए राहुकाल के साथ आया हुआ शुभ चौघड़िया मुहूर्त वर्जित करना बेहतर चुनाव रहेगा.

अगर वार वेला, काल वेला और रात्रि वेला शुभ चौघड़िया के साथ हो ?

वार वेला, काल वेला और रात्रि वेला और काल रात्रि में किये हुए शुभ कार्य से फलदायी परिणाम नहीं निकल पाता है. इसलिए शुभ कार्य की शुरुवात के लिए इस समय के बिच में आया हुआ शुभ चौघड़िया मुहूर्त वर्जित करना योग्य होगा।

शुभ और अशुभ चौघड़िया मुहूर्त निश्चिती

वैदिक ज्योतिष में प्रत्येक दिन के सूर्योदय के प्रथम होरा या प्रहर पर उसी ग्रह का प्रभाव होता है. उसी तरह दिन का आखरी मुहूर्त भी उसी ग्रह द्वारा प्रभावित होता है.

वैदिक ज्योतिष के अनुसार गुरु, शुक्र, बुध और चंद्रमा इन ग्रहोंको शुभ माना गया है. जब की सूर्य, मंगल और शनि जैसे ग्रहोंका स्वभाव पापी कहा गया है. इसी के आधार पर शुभ या अशुभ चौघड़िया मुहूर्त के निश्चिती कर सकते है. हलाकि अशुभ चौघड़िया मुहूर्त भी कुछ ख़ास कार्यों के बहुत ही शुभ फलदायी हो सकते है.

उद्वेग चौघड़िया

उद्वेग चौघड़िया पर सूर्य का प्रभाव होता है. सूर्य को पापी और अनिष्टकारी माना गया है. इसलिए उद्वेग चौघड़िया को अशुभ माना गया है. लेकिन सूर्य के प्रभावित क्षेत्र और कार्यों के लिए जैसे, सरकारी कार्य, प्रबंध जैसे कार्योंके लिए उद्वेग चौघड़िया शुभ माना गया है.

चर चौघड़िया

चर चौघड़िया पर शुक्र का प्रभाव है. वैदिक ज्योतिष में शुक्र को शुभ ग्रह माना गया है. इसलिए मनोरंजन, यात्रा, कलाकारी, मंत्र साधना, कला की साधना, विवाह सबंधी कार्य इन के लिए चर चौघड़िया अति शुभ माना गया है

लाभ चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष के अनुसार बुध को शुभ और लाभदाई माना गया है. बुध सबंधी कार्य और क्षेत्र, बुद्धि संबंधी कार्य, लेखन कौशल्य, पढाई क्षेत्र, इसके लिए लाभ चौघड़िया अत्यंत शुभ माना गया है.

अमृत चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष के अनुसार चंद्र को शुभ ग्रह माना गया है. इसलिए अमृत चौघड़िया का परिणाम भी शुभ ही होता है. अमृत चौघड़िया चन्द्रमा के सबंधी कार्य और क्षत्रोंके लिए, अत्यंत लाभदायी माना गया है.

काल चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष के अनुसार शनि ग्रह को एक अनिष्टकारी और पापी ग्रह माना जाता है. काल चौघड़िया पर शनि का प्रभाव होता है. इसलिए शुभ कार्यों के लिए काल चौघड़िया अशुभ माना गया है. लेकिन शनि सबंधी कार्य और क्षेत्र, जैसे लोहे सबधी कार्य, पुराने मकान, पुराणी चीजों सबंधी कार्य, तेल, लोहा, इन सबधित कार्य शुभ फलदायी होगा।

शुभ चौघड़िया

शुभ चौघड़िया पर गुरु बृहस्पति का प्रभाव होता है. वैदिक ज्योतिष में गुरु ग्रह हमेशा शुभ ग्रह माना जाता है. घर में होने वाले मंगल प्रसंग. विशेषकर विवाह के सबंधित मुहूर्तोंके लिए शुभ चौघड़िया फलदायी माना गया है.

रोग चौघड़िया

वैदिक ज्योतिष में मंगल को पापी ग्रह माना जाता है. रोग चौघड़िया पर मंगल ग्रह का प्रभाव होता है. इसलिए रोग चौघड़िया शुभ कार्योंके लिए अशुभ माना गया है. लेकिन इसके बावजूद मंगल के सबधी क्षेत्र और कार्योंके लिए रोग चौघड़िया शुभ फलदायी हो सकता है. जैसे युद्ध, युद्ध निति, किसी भी प्रकार की लड़ाई इनकी शुरुवात रोग चौघड़िया में करने से लाभ मिलेगा.

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