आज का दो घटी मुहूर्त, रविवार 22 दिसंबर 2024, जयपुर, राजस्थान भारत के लिए
वैदिक ज्योतिष में दो घटी मुहूर्त को शुभ समय कहा जाता है. दो घटी मुहूर्त की अवधि लगभग ४८ मिनट की होती है. किसी विशेष कार्य के लिए मुहूर्त की असुविधा को ध्यान में रखते हुए, इस मुहूर्त का निर्माण किया गया है. इसलिए इस मुहूर्त में लगभग सभी कार्य किये जाते है.
इस पृष्ट पर रविवार, 22 दिसंबर 2024 का दो घटी मुहूर्त दिल्ली के लिए दिन और रात्रि के समय सहित सूचिबद्ध किया गया है. दो घटी मुहूर्त सूर्योदय से अगले सूर्योदय तक दिन और रात्रि के १५ के दो समान भागों में विभाजित किया जाता है. इस प्रत्येक भाग को दो घटी मुहूर्त कहा जाता है.
सूर्योदय से सूर्यास्त तक की विशेष गति का ध्यान रखते हुए ३० भागों को दो घटी कहा जाता है. अतः दिवस और रात्र इन दो हिस्सों में दो घटी मुहूर्त निकाला जाता है.
वर्तमान का दो घटी
22 दिसंबर 2024
आज का दो घटी मुहूर्त, रविवार 22 दिसंबर 2024
दिन का दो घटी
दिन का मुहूर्त | आरंभ समय | समाप्ति समय |
---|---|---|
प्रातः | 07:12 AM | 07:53 AM |
प्रातः | 07:53 AM | 08:35 AM |
प्रातः | 08:35 AM | 09:17 AM |
सङ्गव | 09:17 AM | 09:59 AM |
सङ्गव | 09:59 AM | 10:41 AM |
सङ्गव | 10:41 AM | 11:22 AM |
मध्याह्न | 11:22 AM | 12:04 PM |
मध्याह्न | 12:04 PM | 12:46 PM |
मध्याह्न | 12:46 PM | 01:28 PM |
अपराह्ण | 01:28 PM | 02:10 PM |
अपराह्ण | 02:10 PM | 02:51 PM |
अपराह्ण | 02:51 PM | 03:33 PM |
सायाह्न | 03:33 PM | 04:15 PM |
सायाह्न | 04:15 PM | 04:57 PM |
सायाह्न | 04:57 PM | 05:39 PM |
रात्रि का दो घटी
रात्रि का मुहूर्त | आरंभ समय | समाप्ति समय |
---|---|---|
प्रदोष | 05:39 PM | 06:33 PM |
प्रदोष | 06:33 PM | 07:27 PM |
प्रदोष | 07:27 PM | 08:21 PM |
रात्रि | 08:21 PM | 09:15 PM |
रात्रि | 09:15 PM | 10:10 PM |
रात्रि | 10:10 PM | 11:04 PM |
रात्रि | 11:04 PM | 11:58 PM |
निशिता | 11:58 PM | 12:52 AM |
रात्रि | 12:52 AM | 01:46 AM |
रात्रि | 01:46 AM | 02:41 AM |
रात्रि | 02:41 AM | 03:35 AM |
रात्रि | 03:35 AM | 04:29 AM |
रात्रि | 04:29 AM | 05:23 AM |
अरुणोदय | 05:23 AM | 06:17 AM |
अरुणोदय | 06:17 AM | 07:12 AM |
अन्य शहरों के लिए चौघड़िया मुहूर्त
१ घटी को नापने के लिए वैदिक ज्योतिष में खास कैलक्युलेटर है. सूर्योदय से लेकर सूर्यास्त तक के समय ३० भागोंमें विभजित करने पर १ घटी का समय प्राप्त होता है.
इसके साथ ही घटी की समय निश्चिती स्थान के अनुसार बदलती है. इसलिए प्रत्येक स्थान के अनुसार घटी समय अलग अलग हो सकता है.
दो घटी मुहूर्त के अलग अलग नाम से जाने जाते है.
रुद्र, आहि, मित्र, पितृ, वसु, वाराह, विश्वदेवा, विधि, सतमुखी, पुरुहूत, वाहिनी, नक्तनकरा, वरुण, अर्यमा, भग, गिरीश, अजपाद, अहिर बुध्न्य, पुष्य, अश्विनी, यम, अग्नि, विधातॄ,क्ण्ड,अदिति, जीव, विष्णु, युमिगद्युति, ब्रह्म, समुद्रम
दो घटी मुहूर्त का उपयोग कहा किया जाता है ?
- दो घटी या मुहूर्त को किसी भी अच्छे कार्य को शुरू करने से पहले शुभ माना जाता है। उदाहरण के लिए:
- निम्न लिखित कार्य करना दो घटी मुहूर्त में फलदायक माना जाता है.
- जीवन में पहली बार किये जाने कार्य करने के लिए दो घटी का उपयोग किया जाता है.
- आर्थिक लेन देन के समय को ध्यान में रख कर कार्य करने के लिए.दो घटी शुभ माना जाता है.
- सम्पति खरेदी करने के लिए अथवा बेचने के लिए दो घटी का उपयोग किया जाता है.
- विवाह से सबंधीत शुभ कार्य करने के लिए दो घटी का उपयोग शुभ है.
- शिक्षा से सबंधित शुरुवात करने के लिए दो घटी का उपयोग किया जाता है.
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