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आज का पंचांग, शुक्रवार 21 नवंबर, 2025

कार्तिक मास, हेमंत ऋतु, विक्रम संवत, कालयुक्त 2082

21 Nov 2025
शुक्रवार

शुक्ल पक्ष, शुक्ल प्रतिपदा

सूर्योदय
sunrise
6:48:31
सूर्यास्त
sunset
17:24:33
चन्द्रोदय
moonrise
7:44:12
चंद्रास्त
moonset
17:54:4

शुभ अशुभ समय

शुभ मुहूर्त
11:45 से 12:27
गुलिकाल
08:08:02 से 09:27:32
राहुकाल
10:47:02 से 12:06:33
यमघंट काल
14:45:33 से 16:05:03M

सम्पूर्ण पंचांग

तिथि
शुक्ल प्रतिपदा - 14:48:56 तक
नक्षत्र
अनुराधा - 13:56:10 तक
योग
अतिगंड - 10:44:43 तक
करण
बव - 14:46:56 तक
नक्षत्र देवता
मित्र
नक्षत्र स्वामी
शनि
करण देवता
विष्णु

विशेषता

तिथि विशेष
नंदा तिथि - सारांश : सभी प्रकार के धार्मिक और शुभ कार्यों, त्योहारों तथा अचल संपत्ति से संबंधित गतिविधियों के लिए शुभ।
नक्षत्र विशेष
-
करण विशेष
करण विशेषता: यह करण स्थायी या / व अस्थायी दोनों प्रकार के कार्यों के लिए अनुकूल है। यह करण स्थान या घर को त्यागने के साथ हि नए स्थान या नए घर में प्रवेश करने के लिए भी उपयुक्त है।
शक संवत :
विश्ववासु 1947
विक्रम संवत:
कालयुक्त 2082
मास अमांत:
कार्तिक
मास पूर्णिमांत:
मृगशिरा
सूर्य राशि
वृश्चिक
चंद्र राशि
वृश्चिक
दिशा शूल
पश्चिम
चंद्र निवास
उत्तर
ऋतु
हेमंत
अयन
दक्षिणायन

21 नवंबर 2025 को क्या है ?

21 नवंबर 2025 को शुक्रवार है. शुक्रवार के दिन पर शुक्र ग्रह और माता लक्ष्मी का अमल होता है.
    आज का पंचांग

    क्या है पंचांग ?

    पंचांग, (Panchang) पंचांगम एक हिन्दू कैलेंडर (Hindu calender) है. जो खगोलीय घटनाओं पर निर्धारित है. पंचांग में खगोलीय जानकारी को सारणीबद्ध किया जाता है. जिसका उपयोग ज्योतिष या हिन्दू धार्मिक विधान करने के लिए अति महत्वपूर्ण हो जाता है. किसी घटना घटनेपर विशिष्ट नक्षत्र, करण या योग महत्वपूर्ण भूमिका निभाते दिखाई देते है. यह जानकारी ज्योतिष अनुमान द्वारा मिल सकती है. पंचांग का उपयोग कर ज्योतिष गणना द्वारा राशिफल दिया जाता है.

    पंचांग (Panchang) शब्द का उपयोग संस्कृत से किया जाता है. पंचांग (Panchang) यानि पांच अंग जो ऊर्जा स्त्रोतोंका प्रतिनिधित्व करते है. यह स्त्रोत दृश्य और अदृश्य दोनों में शामिल है. स्थान या क्षेत्र, समय, तारिक आदि, किसी मुहूर्त के लिए सटीक पंचांग का परिणाम बहुत ही महत्वपूर्ण है. तीथि, योग, वर, नक्षत्र और करण पंचांग की पांच विशेषताएं है. पंचांग की इन पांच विशेषताए जब किसी खास कारन के लिए संतुलन बनाये रखने पर, उसे मुहूर्त कहा जाता है. धार्मिक विधि, विधान करने के लिए, किसी कार्य का प्रयोजन करने के लिए, शुभ मुहूर्त बहोत ही महत्वपूर्ण बन जाता है.

    पंचांग की जरुरत ?

    पंचांग का उपयोग मुख्यत्वे, काल गणना, तिथि वार, व्रत, शुभ मुहूर्त, देखने के लिए पंचांग का उपयोग किया जाता है. ज्योतिष गाइड के दैनिक पंचांग में नक्षत्र, योग, करन सहित, शुभ - अशुभ समय, मुहूर्त, चंद्र बल, तारा बल पंचांग में आसानीसे उपलब्ध है.

    पंचांग (Panchang) का निर्धारण, ब्रम्हांड की गति पर निर्भर है. इसलिए जैसे जैसे पृथ्वी भ्रमण करती है, पंचांग समय क्षेत्र के अनुसार बदलता दिखाई देता है. इसलिए एक ही पंचांग अलग अलग क्षेत्रों के लिए अलग अलग हो सकता है. इसलिए सही पंचांग का समय निर्धारण के लिए, क्षेत्र को चुनना अति महत्वपूर्ण है.

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