शनि साढ़े साती, और इसपर उपाय Shani Sade Sati And Solution
शनि देव को न्याय दंडाधिकारी कहा जाता है. शनि देव हर किसी जातक को, अपने shani dev sade sati के साढ़े सात वर्षो में, किसी ना किसी प्रकार से जरूर पीड़ा देते है.
शनि साढ़े साती क्या है ? (What is Shani Sade Sati)
किसी जातक ने अपने जीवन के पूर्वार्ध में चाहे कोई भी अपराध नहीं किया हो, तो भी Shani Dev उसे भी कष्ट देते है. वो इसलिए, की जातक को सही परिस्थिति और अपनों की पहचान हो. इसलिए ज्यादा तर धोके Shani sade sati के दौरान ही जातक को मिलते है.
इस जातक को Shani Dev बहुत से कठिन परिस्थियों से गुजारते है, ताकि आने वाले कुछ सालो में यह जातक, अपने जीवन के प्रति और भी अनुभवी और मजबूत हो जाए.
शनि साढ़े साती का प्रभाव, और उससे बचने के आसान उपाय : (Shani Dev Sade Sati)
सोचिये कमजोर मिटटी से बना मटका आग में भुना क्यों जाता है ? मजबूत लोहे का हत्यार बनाने के लिए, लोहे को गरम करके, प्रहार क्यों किये जाते है ? यही shani dev का न्याय है. और यह वो सभी के साथ करते है. चाहे आपकी इच्छा हो, या ना हो.
राजा हरिश्चंद्र भी साढ़े साती से हुए थे परेशान
इसी संदर्भ में, हमेशा सत्य वचन बोलने वाले राजा हरिचंद्र का उदाहरण देखना जरुरी होगा. राजा हरिचन्द्र को भी shani dev sade sati के दौरान ही कठिन परिस्थीसे गुजरना पड़ा. आदर्श प्रभु श्री राम का भी इस सन्दर्भ में आप उदाहरण देख सकते हो. प्रभु श्री राम को भी साढ़ेसाती के दौरान ही, घर से बेघर होना पड़ा. और पत्नी को खोना पड़ा.
कष्ट मिलना तय है
इसलिए Shani dev साढ़ेसाती के दौरान कष्ट अवश्य देते है. यह उस पर निर्भर है. की आप कितने शक्तिशाली हो. आपका अभिमान, गर्व, आपका पद जितना बड़ा होगा, उतने ही अधिक कष्ट आपको झेलने पड़ेंगे.
शनि देव के मंत्र से होगी दुःख में कमी
ऐसे वक्त shani dev के कुछ मंत्र सुनने से और सही से उच्चार कर, उन्हें पढ़ने से जातक को shani dev sade sati से थोड़ी राहत जरूर मिल सकती है. आइये जानते है कौन से है, वो मंत्र
वैदिक मंत्र
१) ॐ शं शनैश्चराय नम:
२) ॐ शं नो देवीरभिष्टय आपो भवन्तु पीतये। शं योरभि स्रवन्तु न
३) ॐ प्रां प्रीं प्रौं स: शनैश्चराय नम:
४) ॐ ऐं ह्लीं श्रीशनैश्चराय नम:
शनि गायत्री मंत्र – shani dev gayatri mantra
औम कृष्णांगाय विद्य्महे रविपुत्राय धीमहि तन्न: सौरि: प्रचोदयात |
शनि देव का पौराणिक मंत्र (shani dev mantra) :
इस मंत्र के माध्यम से शनिदेव और उनके परिवार की जानकरी दी गयी है और उनको नमन किया गया है |
नीलांजनसमाभासं रविपुत्रं यमाग्रजम्
छायामार्तण्डसम्भूतं तं नमामी शनैश्चरम्
हिंदी में नीलांजनसमाभासं मंत्र का अर्थ यह है –
जो नीले और काले पर्वत की तरह चमकिला है, सूर्य के पुत्र और यम के बड़े भाई
छाया उनकी माँ और मार्तण्ड (सूर्य) उनके पुत्र, ऐसे शनिदेव को मैं नमन करता हूँ.
शनि देव के मंत्र (Shani Dev Mantra) श्रवण करने के लिए, इससे भी अवश्य लाभ होगा
Shani Chalisa (शनि चालीसा) – with Hindi lyrics
शनि देव के बारे में यहाँ पर पढ़े >>
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