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विष्णु मंत्र अर्थ और जाप विधि
विष्णु मंत्र अर्थ और जाप विधि जगत पिता भगवान विष्णु की आराधना के लिए है. जहा एक तरफ ब्रम्हाजी को सृष्टि के निर्माता और रचयिता कहा जाता है. भगवान महादेव को अंत एवं संहारक कहा गया है. तो वही भगवान विष्णु को जगत और सृष्टि का पालन कर्ता कहा गया है.
भगवान विष्णु की माता लक्ष्मी पत्नी और अर्धांगिनी है. वे क्षीरसागर में, शेषनाग पर निद्रावस्था में लेटे हुए विराजित है. भगवान विष्णु की चार भुजाये है. निचे के बाए हाथ में कमल का फूल है. दाहिने भुजा में गदा, ऊपर के बाए भुजा में, शंख तथा निचे के साहिने हाथ में सुदर्शन चक्र है. एक दिन उनकी नाभि से कमल उत्पन्न हुआ. जिस मे से परमिता ब्रह्मदेव विराज थे.
विविध पुराण और शास्त्रों के आधार से भगवान विष्णु ने पृथ्वी पर भिन्न भिन्न अवतार लिए है. हिन्दू शास्त्रों जगत पालनकर्ता भगवान विष्णु मंत्र अर्थ और जाप विधि को फलदायी कहा गया है. वैशाख, कार्तिक और श्रावण मास में भगवान विष्णु की आराधना विशेष फलदायी है. उनके मंत्रोंके उच्चारण और स्मरण से संकटोंका नाश, तथा दरिद्रता समाप्त होती है.
विष्णु वंदना
शान्ताकारं भुजगशयनं पद्मनाभं सुरेशं |
विश्वाधारं गगन सदृशं मेघवर्णं शुभाङ्गम् ||
लक्ष्मी कान्तं कमल नयनं योगिभिर्ध्या नगम्यं |
वन्दे विष्णुं भवभयहरं सर्व लोकैकनाथम् ॥
भगवान विष्णु का मूल मंत्र
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय ||
ॐ नमोः भगवते वासुदेवाय || यह भगवन विष्णुजी का मूल मंत्र माना जाता है. इस मंत्र का हेतु भगवान विष्णु का स्मरण करने के लिए किया जाता है. भगवान विष्णु के इस मूल मंत्र का अनुवाद और उच्चारण सहज होने से यह मूल मंत्र भक्तों में काफी प्रचलित है.
धन प्राप्ति लिए विष्णु मंत्र
ॐ भूरिदा भूरि देहिनो, मा दभ्रं भूर्या भर। भूरि घेदिन्द्र दित्ससि ।
ॐ भूरिदा त्यसि श्रुत: पुरूत्रा शूर वृत्रहन् । आ नो भजस्व राधसि ।।
विष्णु मंत्र का अर्थ और सारांश
धन प्राप्ति के लिए इस मंत्र का सन्दर्भ ऋग्वेद में मिलता है. अगर व्यक्ति के पास धन धान्योंकी कमी महसूस हो रही है. तो निश्चित रूप से भगवान विष्णु की पूजा कर के इस मंत्र का जाप करना चाहिए. इस मंत्र का अर्थ यह होता है.
है लक्ष्मी पति आप सामान्य डाटा नहीं हो. आप संसार के सबसे बड़े दानी हो. मैं ने स्वकीयों से सुना है, संसार से भी जो व्यक्ति निराश होकर आपसे आर्थिक कष्टोंसे मुक्ति के लिए प्रार्थना करता है. उसकी आवाज सुनकर उसकी झोली धन से भरते हो. हे भगवान, पालनहार मुझे इस आर्थिक कष्टोंसे मुक्ति दे.
इस मंत्र में भगवान विष्णु की स्तुति की गयी है. इसके साथ इस मंत्र में विष्णुजी धन की कमी को नष्ट करने के लिए प्रार्थना की है.
भगवान विष्णु जी के मंत्र का जाप कब करना चाहिए ?
भगवान विष्णु को पृथ्वीका पालनहार कहा गया है. भगवान विष्णु का दिन बुधवार और गुरुवार को मन जाता है. इस दिन सूर्योदय के बाद दो घंटो के बिच विष्णु आराधना करना फलदायी होता है. इसके साथ चातुर्मास में भगवान विष्णु की आराधना मंत्रो के साथ करना अच्छा होता है. एकादशी का दिन भगवान विष्णु को प्रिय है. इसलिए इस दिन उपवास रख कर भगवान विष्णु की आराधना करने पर मनोवांछित फल मिल सकता है.
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